शुक्र ग्रह पर पानी की मात्रा पिछले अनुमान से दोगुनी घटी

वियोजनात्मक पुनर्संयोजन के माध्यम से हाइड्रोजन परमाणुओं के अंतरिक्ष में चले जाने के कारण शुक्र ग्रह पर प्रतिदिन लगभग दोगुना पानी नष्ट हो जाता है।

09 मई 2024
शुक्र
शुक्र हमारे सौरमंडल का दूसरा ग्रह है।
चित्र साभार: नासा

यूनिवर्सिटी ऑफ कोलोराडो बोल्डर के ग्रह वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि शुक्र ग्रह इतना शुष्क कैसे हो गया, जिसमें पानी की कमी विघटनकारी पुनर्संयोजन नामक प्रक्रिया के माध्यम से होती है, जिसमें वायुमंडल में हाइड्रोजन परमाणु अंतरिक्ष में चले जाते हैं। अणु HCO+ द्वारा संचालित यह प्रक्रिया पिछले अनुमानों की तुलना में शुक्र ग्रह पर प्रतिदिन लगभग दोगुना पानी खोने के लिए जिम्मेदार हो सकती है।

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इस लेख की समीक्षा हमारे वैज्ञानिकों/शोधकर्ताओं की टीम द्वारा की गई थी।